हरियाणा में तीन सौ से पार होगी महिला पार्षदों की संख्या
हरियाणा में तीन सौ से पार होगी महिला पार्षदों की संख्या
16 शहरों में अध्यक्ष बनेंगी महिलाएं
चंडीगढ़, 23 मई। हरियाणा में होने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान 16 शहरों की कमान महिलाओं के हाथों में होगी। सामान्य या अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पदों के चुनावों में भी संबंधित वर्ग की ही महिलाओं के चुनाव लडऩे पर रोक नहीं होगी। ऐसे में महिलाओं की संख्या और बढ़ सकती है। हरियाणा के जिन 48 निकायों में चुनाव हो रहे हैं उनमें कुल 888 वार्डों में से 312 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
निकाय चुनाव में महिलाओं, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जाति की महिला के लिए तो आरक्षण लागू रहेगा लेकिन पिछड़ा वर्ग को आरक्षण नहीं मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर दिए फैसले के चलते सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित अध्यक्ष पदों को भी सामान्य वर्गों के लिए ओपन कर दिया है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अध्यक्ष व वार्डों को छोडक़र बाकी पर पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों के चुनाव लडऩे पर रोक नहीं होगी।
नारायणगढ़, भिवानी, रतिया, सफीदों, नरवाना, जींद, बहादुरगढ़, इस्माइलाबाद, कैथल, नांगल-चौधरी, नारनौल व सढ़ौरा में परिषद-पालिका में अध्यक्ष पद को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इसी तरह से सोहना, चीका, महम व कुंडली निकायों में अध्यक्ष पद को अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए रिजर्व किया गया है। इन 16 के अलावा बाकी 32 शहरी स्थानीय निकाय सामान्य जातियों के लिए ओपन रहेंगे।
जिन 46 निकायों में चुनाव हो रहे हैं, उनके अधीन कुल 888 वार्ड आएंगे। इनमें से 239 वार्ड महिलाओं के लिए, 73 अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए और 107 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। 469 वार्ड सामान्य वर्गों के लिए रहेंगे। कुल 18 लाख 30 हजार 208 मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 9 लाख 65 हजार 547 पुरुष और 8 लाख 64 हजार 612 महिला मतदाता शामिल हैं। इन 46 निकायों में मतदान के लिए कुल 1816 पोलिंग स्टेशन बनेंगे।